Delhi High Court का GST Appeal Limitation पर फैसला: Statutory Period से आगे No Extension

Delhi High Court का GST Appeal Limitation पर फैसला: Statutory Period से आगे No Extension

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परिचय

Delhi High Court ने Addichem Speciality LLP v. Special Commissioner I, Department of Trade and Taxes मामले में स्पष्ट किया कि GST Appeal Limitation के नियम सख्त हैं और Section 107 of CGST Act, 2017 के तहत Statutory Limit से आगे कोई छूट नहीं दी जा सकती।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस बात की पुष्टि की है कि सीजीएसटी अधिनियम के तहत अपील दायर करने की वैधानिक समय सीमा निरपेक्ष है और इसे निर्धारित अवधि से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। एक महत्वपूर्ण फैसले में, न्यायालय ने विलंबित अपीलों की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया, धारा 107(1) और 107(4) के तहत सख्त समयसीमा का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस मामले में कई व्यवसाय शामिल थे जिन्होंने तर्क दिया कि महामारी से संबंधित व्यवधानों जैसी असाधारण परिस्थितियों ने समय पर फाइलिंग को रोका। हालांकि, न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय के उदाहरणों पर भरोसा करते हुए फैसला सुनाया कि कर कानून सीमा अवधि के सख्त अनुपालन की मांग करते हैं, जो कर प्रशासन में प्रक्रियात्मक अनुशासन के महत्व को पुष्ट करता है।

यह निर्णय GST Compliance के लिए महत्वपूर्ण है और यह समझना जरूरी है कि GST Registration Cancellation और Appeal Filing से जुड़े कानूनी नियम क्या कहते हैं।

मामले में उठाए गए प्रमुख मुद्दे

1️⃣ क्या एक महीने की अतिरिक्त अवधि से अधिक Delay Condonation संभव है?

  • Section 107(1) of CGST Act के तहत, GST Appeal तीन महीने के भीतर दायर करनी होती है।
  • Section 107(4) केवल एक महीने की अतिरिक्त छूट देता है, लेकिन उसके बाद कोई और Deferment नहीं मिलता।
  • कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चार महीने से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता

2️⃣ Retrospective GST Registration Cancellation की वैधता

  • कई Petitioners ने GST Cancellation Orders को चुनौती दी, यह तर्क देते हुए कि Show Cause Notices (SCNs) में Procedural Lapses थे।
  • कोर्ट ने Due Process की आवश्यकता को स्वीकार किया, लेकिन Statutory Limitations के सख्त अनुपालन पर जोर दिया।

Case में Relevant Legal Provisions

कानूनी धारा

मुख्य बातें

Section 107(1) CGST Act

Appeal Filing की Time Limit तीन महीने

Section 107(4) CGST Act

एक अतिरिक्त महीने की छूट, लेकिन उसके बाद कोई Extension नहीं।

Article 226 of the Indian Constitution

केवल असाधारण परिस्थितियों में High Court का हस्तक्षेप संभव।

Rule 22 of CGST Rules, 2017

GST Registration Cancellation की प्रक्रिया।

High Court का निर्णय

Statutory Limit के आगे कोई छूट नहीं: Court ने साफ किया कि Appeal Authority के पास तीन महीने + एक महीना से आगे की देरी माफ करने का अधिकार नहीं है।

High Court की सीमित भूमिका: Article 226 के तहत केवल Rare Cases में ही हस्तक्षेप किया जा सकता है

Retrospective Cancellation के लिए Proper Process जरूरी: यदि SCN Properly Served नहीं हुआ, तो इसे चुनौती दी जा सकती है।

व्यवसायों पर प्रभाव

✔️ GST Appeals के लिए समय का ध्यान रखें

  • Appeals को तीन महीने में दाखिल करें, और यदि आवश्यक हो तो एक महीने की छूट के भीतर फाइल करें

✔️ GST Compliance & Documentation में सख्ती बरतें

  • SCNs, GST Orders, और Appeals के Proper Records बनाए रखें।
  • सभी Legal Correspondence के Submissions के Proofs रखें।

✔️ Unfair GST Cancellations को तुरंत चुनौती दें

  • Retrospective Cancellation का प्रभाव आपके Business Transactions और Input Tax Credit (ITC) Claims पर पड़ सकता है।
  • समय पर Appeal Authority या High Court से संपर्क करें

मुख्य बातें

दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107(1) के तहत अपील की अवधि, धारा 107(4) के तहत एक महीने के क्षमा योग्य विस्तार के साथ, निरपेक्ष है और इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। महामारी से संबंधित व्यवधानों जैसे कारणों का हवाला देते हुए एडिचेम स्पेशलिटी एलएलपी, जेएम फ्लीट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और एनिया आर्किटेक्ट्स सहित कई व्यवसाय अपील की समय सीमा से चूक गए थे। हालांकि, न्यायालय ने माना कि अनुपालन और दक्षता के लिए कर कानूनों में सीमा अवधि का सख्त पालन आवश्यक है। सर्वोच्च न्यायालय के उदाहरणों का हवाला देते हुए, न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि वैधानिक समय सीमा का सम्मान किया जाना चाहिए, और उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत ऐसी सीमाओं को नहीं बढ़ा सकते हैं। नतीजतन, विलंबित अपीलों को खारिज करना उचित माना गया, जिससे यह पुष्ट होता है कि कर कानूनों में निश्चितता की आवश्यकता होती है और मामले-दर-मामला आधार पर इसमें ढील नहीं दी जा सकती।

निष्कर्ष

Delhi High Court के इस निर्णय ने स्पष्ट कर दिया कि GST Appeal Deadlines को Strictly Follow करना होगाStatutory Limits के आगे कोई छूट नहीं दी जाएगी, और Routine Delays के आधार पर High Court में अपील को मंजूरी नहीं मिलेगी

या विस्तार से कहें तो, दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला सीजीएसटी अधिनियम की धारा 107 के तहत वैधानिक सीमा अवधि के सख्त पालन की पुष्टि करता है, जिसमें जोर दिया गया है कि निर्धारित तीन महीने की अपील अवधि, साथ ही एक महीने का क्षम्य विस्तार, पूर्ण है। अदालत ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि असाधारण परिस्थितियां, जैसे कि महामारी संबंधी व्यवधान, आगे के विस्तार को सही ठहराते हैं, सर्वोच्च न्यायालय के उदाहरणों का हवाला देते हुए कि कर कानूनों की कठोरता से व्याख्या की जानी चाहिए। यह निर्णय कराधान के मामलों में समय पर अनुपालन के महत्व को रेखांकित करता है, क्योंकि निर्धारित समय सीमा के भीतर दाखिल करने में विफल होने पर अपील स्वतः खारिज हो जाती है। इसके अलावा, फैसले में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल वैधानिक समय सीमा बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता है।

🚀 Key Takeaway: Timely GST Compliance और Proper Documentation ही Appeal Rejection से बचने का एकमात्र तरीका है।


Rajveer Singh

Tax Law Page, led by Rajveer Singh, simplifies Tax Laws with 19+ years of expertise, offering insights, compliance strategies, and practical solutions.

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