क्या STCG और LTCG को Basic Exemption Limit के तहत Adjust किया जा सकता है? (Old और New Tax Regime दोनों में)

 क्या STCG और LTCG को Basic Exemption Limit के तहत Adjust किया जा सकता है? (Old और New Tax Regime दोनों में)


हां
, एक resident individual के रूप में आप अपनी कुल आय को Basic Exemption Limit से कम होने की स्थिति में Capital Gains को उसी सीमा के अंतर्गत समायोजित कर सकते हैं। यह नियम विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक है जिनकी नियमित आमदनी (जैसे वेतन, व्यवसाय, पेंशन आदि) या तो कम है या नहीं है, लेकिन उन्हें equity shares या mutual funds की बिक्री से लाभ हुआ है। इस छूट का लाभ दोनों टैक्स व्यवस्था — Old Tax Regime और New Tax Regime — में लिया जा सकता है, बशर्ते आप resident हों। इससे करदाताओं को अपनी कर देनदारी कम करने में मदद मिलती है।

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🧾 Basic Exemption Limit क्या होती है? (Old और New Regime की तुलना के साथ)

Basic Exemption Limit वह न्यूनतम आय सीमा होती है जिसके अंतर्गत किसी व्यक्ति को इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता। इसका निर्धारण व्यक्ति की उम्र और चुनी गई टैक्स प्रणाली (Old या New) के आधार पर होता है।

📌 Old Tax Regime (FY 2024-25 / AY 2025-26):

  • 60 वर्ष से कम उम्र: ₹2.5 लाख तक की आय टैक्स-फ्री
  • 60 वर्ष से 79 वर्ष: ₹3 लाख तक की आय टैक्स-फ्री
  • 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र: ₹5 लाख तक की आय टैक्स-फ्री

Old Regime में आप standard deduction, HRA, 80C, 80D, और अन्य टैक्स छूटों का लाभ उठा सकते हैं, जिससे आपकी कुल टैक्स योग्य आय घट जाती है।

📌 New Tax Regime (Section 115BAC के अंतर्गत):

  • AY 2025-26 तक: ₹3 लाख
  • AY 2026-27 और आगे के लिए: ₹4 लाख

हालांकि New Regime में आपको ज्यादातर deductions नहीं मिलते, लेकिन टैक्स स्लैब कम होते हैं। अच्छी बात यह है कि Basic Exemption Limit के अंतर्गत बची हुई राशि को आप अपने STCG और LTCG को adjust करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

📉 Capital Gains की टैक्स व्यवस्था क्या है?

Capital Gains वह लाभ होता है जो किसी संपत्ति (जैसे शेयर, mutual fund, जमीन आदि) को बेचने से प्राप्त होता है। इसे दो प्रकारों में बाँटा गया है:

🔹 Short-Term Capital Gains (STCG):

  • यदि आपने equity shares या equity-oriented mutual funds को 12 महीने या उससे कम समय में बेचा है और उस पर लाभ हुआ है, तो वह Section 111A के अंतर्गत आता है।
  • इस पर 15% टैक्स लगता है, और यह लाभ Basic Exemption Limit से समायोजित किया जा सकता है यदि आपकी अन्य आय उस सीमा से कम हो।

🔹 Long-Term Capital Gains (LTCG):

  • यदि आपने equity shares या mutual funds को 12 महीने से अधिक समय तक रखा और उस पर लाभ कमाया, तो वह Section 112A के अंतर्गत आता है।
  • LTCG पर ₹1 लाख तक का लाभ टैक्स-फ्री होता है। ₹1 लाख से अधिक होने पर 10% टैक्स देना होता है।
  • अगर आपकी अन्य आय Basic Exemption Limit से कम है, तो आप इस LTCG को भी उसी बची हुई छूट सीमा से adjust कर सकते हैं।

💡 Basic Exemption Limit से Capital Gains को Adjust करने का तरीका

यह नियम उस स्थिति में काम आता है जब आपकी अन्य आमदनी (जैसे salary, business income, pension) Basic Exemption Limit से कम हो। ऐसी स्थिति में जो अंतर बचता है, उस राशि को आप अपने Capital Gains से घटा सकते हैं।

उदाहरण के लिए:

  • मान लीजिए आपकी अन्य आय ₹2 लाख है और आप Old Tax Regime के अंतर्गत आते हैं जहां छूट सीमा ₹2.5 लाख है।
  • इसका मतलब है कि ₹50,000 तक आप और आय अर्जित कर सकते हैं बिना किसी टैक्स के।
  • अगर आपके पास ₹1 लाख का LTCG है, तो आप पहले ₹50,000 को Basic Exemption Limit से adjust कर सकते हैं।
  • इसके बाद बचा हुआ ₹50,000 ही टैक्स के अधीन होगा।

यह adjustment आपको कुल टैक्स बोझ कम करने में मदद करता है और विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए फायदेमंद है जो passive income पर निर्भर रहते हैं।

किन व्यक्तियों को यह सुविधा मिलती है?

यह छूट सभी करदाताओं को नहीं मिलती, बल्कि इसके लिए कुछ विशेष शर्तें होती हैं:

  1. Residential Status: यह सुविधा केवल resident individuals को ही मिलती है। NRI या अन्य non-resident व्यक्तियों को इस छूट का लाभ नहीं मिलता।
  2. Capital Gains का प्रकार: केवल Section 111A के तहत STCG और Section 112A के तहत LTCG को ही Adjust किया जा सकता है।
  3. Other Income का स्तर: आपकी अन्य आमदनी Basic Exemption Limit से कम होनी चाहिए। तभी आपके पास बची हुई सीमा होगी जिससे आप Capital Gains को घटा सकते हैं।
  4. Tax Regime का चुनाव: आप Old या New Regime में से किसी को भी चुन सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि पूरे टैक्स कैलकुलेशन के हिसाब से कौन सा फायदेमंद है।

🧮 केस स्टडी: उदाहरण से समझें

मान लीजिए:

  • आपकी उम्र 30 वर्ष है
  • Salary Income = ₹2 लाख
  • LTCG = ₹1.20 लाख
  • Old Tax Regime चुना गया है (Exemption Limit = ₹2.5 लाख)

Calculation:

  • Salary से ₹2 लाख exemption में समा गया
  • ₹50,000 की सीमा अभी बची है
  • LTCG = ₹1.20 लाख – ₹50,000 (adjust) = ₹70,000
  • अब ₹1 लाख तक LTCG टैक्स-फ्री है, तो बचा हुआ ₹70,000 भी टैक्स-फ्री रहेगा
  • कुल टैक्स देनदारी = ₹0

इस तरह, आपने smart तरीके से Basic Exemption Limit का लाभ उठाते हुए पूरा टैक्स बचा लिया।

📌 ध्यान देने योग्य मुख्य बातें

  • आप STCG और LTCG में से किसे पहले Adjust करना है, यह आपकी पसंद पर निर्भर है। कोई निश्चित क्रम निर्धारित नहीं है।
  • ITR भरते समय Schedule CG को सही तरीके से भरें और आवश्यक विवरण दर्ज करें, जैसे acquisition date, sale date, cost और selling price।
  • Tax computation करते समय Exemption Limit और Capital Gains adjustment की सही गणना करें।
  • यदि confusion हो, तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एक्सपर्ट की सलाह लें।

📝 निष्कर्ष (Conclusion)

यदि आप एक Resident Individual हैं और आपकी अन्य नियमित आय Basic Exemption Limit से कम है, तो आप अपने Short-Term और Long-Term CapitalGains को उसी सीमा से Adjust करके अपनी टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं। यह नियम उन निवेशकों के लिए अत्यंत लाभकारी है जो मुख्य रूप से शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड्स से लाभ प्राप्त करते हैं, लेकिन उनकी नियमित आय सीमित होती है। टैक्स की बेहतर योजना बनाने के लिए इस सुविधा को जरूर ध्यान में रखें।

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